ऑडियो सुनने के लिए यहाँ प्ले करें
समय की बारिशें
-
माँ और बेटी खेल रहे थे। मौसम में सीलापन था। बारिश रह-रहकर गिर रही थी। छठे
माले की खिड़कियों से देखने पर कुछ हाथ की दूरी पर बादल तैर रहे थे। मैं आदतन
ख़या...
1 दिन पहले
2 टिप्पणियाँ:
लाजवाब कार्यक्रम...बाउजी कमाल कर दित्ता तुसी...तिन चार वारि सुन लय है हाली होर सुनन दा मन है...
waah ji waah bahut khub...
एक टिप्पणी भेजें