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ठीक समानांतर
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समंदर के किनारे बैठकर कवि, तुम बहुत अधिक इंतज़ार पी चुके हो। तुम हाई हो।
नींद पर
एक टहोका सा लगता है
शीतनिद्रा से जागता है दिल।
जैसे तनहाई की गरमियाँ उतरत...
2 दिन पहले
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