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खुलासे में नहीं आएंगे
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मुख़्तसर वक़्त में यह बात नहीं हो सकती
दर्द इतने हैं खुलासे में नहीं आएंगे।
रेगिस्तान के जीवन की मान-मर्यादा, लज्जा और सुंदरता को सोशल साइट्स में कुरूप...
5 दिन पहले
2 टिप्पणियाँ:
भाई साहब बहुत शानदार है । मेरी बधाई स्वीकारें ।
ADARNIY AALOK JI;
NAMASTAY;
EK ARSE BAAD AAPKO DEKHKAR KHUSHI HUI.
BAHUT SAAL HO GAYE MILE BINA.RAJESH JI MULAKAT KARWANIE K LIYE DHANYAWAD.
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